NASA चांद पर लगाएगा परमाणु रिएक्टर

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा 2030 तक चंद्रमा पर 100 किलोवाट क्षमता वाला परमाणु रिएक्टर स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य चांद पर स्थायी मानव उपस्थिति, वैज्ञानिक अनुसंधान और भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए असीमित ऊर्जा उपलब्ध कराना है। यह कदम रूस और चीन जैसे देशों से पहले तकनीकी बढ़त हासिल करने की रणनीति का हिस्सा है।

परियोजना का महत्व और खतरा
अगर अन्य अंतरिक्ष शक्तियां पहले चंद्रमा पर ऐसा रिएक्टर स्थापित कर लेती हैं, तो वे वहां अपना दावा कर सकती हैं, जिससे अमेरिका की अंतरिक्ष सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसी वजह से नासा इस प्रोजेक्ट को उच्च प्राथमिकता दे रहा है।

लागत और निवेश
इस परियोजना की लागत अरबों डॉलर होगी। 2022 में नासा ने तीन निजी कंपनियों को प्रारंभिक डिजाइन तैयार करने के लिए 50-50 लाख डॉलर (करीब 40 करोड़ रुपये) दिए थे। आर्टेमिस मिशन का हिस्सा होने के नाते इसकी अनुमानित लागत 8,200 अरब रुपये है।

अगला कदम
नासा अगले 60 दिनों में निजी कंपनियों से सुझाव लेगा और एक प्रमुख अधिकारी नियुक्त करेगा। इस तकनीक का उपयोग भविष्य में मंगल जैसे ग्रहों पर ऊर्जा आपूर्ति के लिए भी किया जा सकेगा, जो स्पेस एक्सप्लोरेशन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

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