भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है। रूस ने भारत को अपने सबसे आधुनिक हथियार सिस्टम ऑफर किए हैं, जिनमें Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट, Su-35 जेट, लंबी दूरी की R-37 एयर-टू-एयर मिसाइल और S-500 एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर भारत इन्हें अपनाता है तो यह भारतीय वायुसेना और रक्षा क्षमताओं के लिए क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकता है।
S-400 से मिले थे शानदार नतीजे
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव में रूस से खरीदे गए हथियारों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। खासकर S-400 डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और विमानों की सही लोकेशन दी और 250 किमी दूर उड़ रहे पाकिस्तानी अवाक्स विमान को मार गिराया। इस प्रदर्शन ने रूस को विश्वास दिलाया कि भारत को और उन्नत हथियारों की आवश्यकता है।
S-500 और Su-57 की विशेषताएं
रूस का दावा है कि S-500 Prometheus, जिसे 55R6M Triumfator-M भी कहा जाता है, हाइपरसोनिक हथियारों को रोकने में सक्षम है। यह S-400 का अपग्रेडेड वर्जन है और एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम की तरह काम करता है। वहीं, Su-57 डबल इंजन वाला स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर है, जिसे हवा, जमीन और समुद्र—तीनों पर अटैक के लिए डिजाइन किया गया है।
भारत का रुख
हालांकि भारत को इन हथियारों की जरूरत है, लेकिन रणनीतिक और आर्थिक कारणों से उसने अभी तक रूस के नए ऑफर पर अंतिम फैसला नहीं लिया है।
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