कब मनाया जाएगा दही हांडी?
जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार यह उत्सव रविवार, 17 अगस्त 2025 को आयोजित होगा। जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी और अगले दिन दही हांडी कान्हा की बाल लीलाओं का जीवंत स्मरण कराएगी।
कृष्ण की नटखट लीलाओं की झलक
धार्मिक मान्यता है कि कान्हा अपने दोस्तों संग ऊंची लटकी हांडियां फोड़कर माखन चुराया करते थे। इसी कारण उन्हें ‘माखनचोर’ भी कहा गया। दही हांडी उसी परंपरा का प्रतीक है। इस दिन गोविंदा पथक मानव पिरामिड बनाकर मटकी तक पहुंचते हैं और उसे फोड़ते हैं। माहौल भक्ति, संगीत और उल्लास से भर उठता है।
संगठन का संदेश
दही हांडी यह सिखाती है कि सामूहिक प्रयास से बड़ी से बड़ी कठिनाई को पार किया जा सकता है। पिरामिड बनाने के दौरान हर गोविंदा अपने साथी का पूरा सहयोग करता है, जो एकता और टीमवर्क का प्रतीक है।
उत्साह और समर्पण की सीख
यह पर्व केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक है। असफल होने पर भी गोविंदाओं का निरंतर प्रयास बताता है कि धैर्य और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
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