भारत ने मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम ने एक नए और बेहद दुर्लभ रक्त समूह की खोज की है, जिसे CRIB (Chromosome Region Identified as Blood group) नाम दिया गया है। यह खोज तब हुई जब बेंगलुरु के एक अस्पताल में 38 वर्षीय महिला की सर्जरी के दौरान, डॉक्टरों को उसका ब्लड ग्रुप किसी भी ज्ञात ब्लड ग्रुप से मेल खाता नहीं मिला। कई बार टेस्टिंग के बाद यह स्पष्ट हुआ कि यह रक्त समूह एकदम नया और अब तक अज्ञात है।
CRIB ब्लड ग्रुप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें उन सामान्य ‘हाई प्रिवलेंस एंटीजन’ की कमी पाई गई, जो आमतौर पर हर इंसान की लाल रक्त कोशिकाओं में होते हैं और ब्लड ट्रांसफ्यूजन में अहम भूमिका निभाते हैं।
यह ब्लड ग्रुप INRA (Indian Rare Antigen) सिस्टम से जुड़ा है, जिसे 2022 में ISBT द्वारा मान्यता दी गई थी।
अब वैज्ञानिक CRIB-विशिष्ट एंटीबॉडी पैनल और स्क्रीनिंग टेस्ट विकसित करने में जुटे हैं ताकि भविष्य में ऐसे केसों की पहचान की जा सके। इस खोज से यह सिद्ध होता है कि मानव शरीर के रहस्यों की गहराई अब भी पूरी तरह से उजागर नहीं हुई है।
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