क्या Bluetooth हेडफोन से कैंसर होता है? जानिए सच्चाई, मिथ और विज्ञान


 ब्लूटूथ हेडफोन जैसे AirPods, Bose, Shokz और अन्य वायरलेस डिवाइसेज़ को लेकर कैंसर के खतरे की चर्चा लंबे समय से जारी है। इसकी वजह यह है कि ये डिवाइस Radiofrequency Radiation (RFR) उत्सर्जित करते हैं, जो कुछ लोगों के अनुसार मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि, अब तक इस दावे को कोई ठोस वैज्ञानिक समर्थन नहीं मिला है।

ब्लूटूथ की रेडिएशन कितनी खतरनाक?
रेडिएशन दो प्रकार की होती है –

  • आयोनाइजिंग (X-ray, गामा किरणें) जो DNA को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

  • नॉन-आयोनाइजिंग (Bluetooth, वाई-फाई), जिनमें ऊर्जा कम होती है और ये DNA को प्रभावित नहीं करतीं।

ब्लूटूथ डिवाइस की RFR स्तर मोबाइल फोन की तुलना में 10 से 400 गुना कम होती है। National Cancer Institute (NCI) और FDA के अनुसार, इसका कैंसर से कोई स्पष्ट संबंध नहीं है।

फिर भी क्यों मानी जाती है सतर्कता ज़रूरी?
हालांकि कोई निर्णायक सबूत नहीं है, IARC ने RFR को "संभावित कैंसरजनक" की सूची में रखा है। बच्चों के लिए अतिरिक्त सावधानी की सलाह दी जाती है क्योंकि उनकी खोपड़ी पतली होती है।

निष्कर्ष: अभी तक Bluetooth से कैंसर का कोई प्रमाण नहीं है, लेकिन लंबे समय तक उपयोग में संतुलन बनाना बेहतर है।

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