उत्तरकाशी आपदा: हर्षिल-धराली में पानी का कहर


 सेटेलाइट अध्ययन की चेतावनी

हर्षिल और धराली में प्रति सेकेंड 50–60 लाख लीटर पानी ने भारी तबाही मचाई। आईआईआरएस (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग) ने पहले ही सेटेलाइट अध्ययन में इस खतरे की आशंका जताई थी। अध्ययन में 24 घंटे की बारिश के बाद संभावित पानी और मलबे के बहाव का अनुमान लगाया गया था।

आपदा पूर्वानुमान और निगरानी
यूएसडीएमए और इसरो के तहत आईआईआरएस ने हर्षिल वैली व भागीरथी के ऊपरी भाग में ग्लेशियर, झीलों, मलबा बहाव, हिमस्खलन और भूस्खलन की निगरानी की। 2020–2023 में भागीरथी, मंदाकिनी और ऋषिगंगा ग्लेशियरों के सिकुड़ने के आंकड़े भी दर्ज हुए। हिमनदी झीलों का आकार लगातार बढ़ रहा है।

बारिश और पानी का बहाव
सिमुलेशन में पाया गया कि 200 मिमी बारिश से 80 लाख लीटर/सेकेंड पानी बह सकता है। 5 अगस्त को 150 मिमी बारिश हुई, जिससे धराली-हर्षिल में 60 लाख लीटर/सेकेंड पानी आया, जो भारी मलबा साथ लाया।

लापरवाही पर आरोप
भाजपा नेता रविंद्र जुगरान ने आरोप लगाया कि चेतावनी के बावजूद बचाव नहीं हुआ। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग पर गंभीर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की।

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