क्या आपके जीवन में लगातार बाधाएं आ रही हैं। विवाह, संतान, करियर या धन में अड़चन? हो सकता है इसके पीछे कारण हो पितृ दोष। आइए जानते हैं, क्यों लगता है पितृ दोष।
पितृ दोष का मतलब है पूर्वजों की आत्मा की शांति न होना। जब किसी परिवार में पूर्वजों के कर्म अधूरे रह जाते हैं, या उनका अंतिम संस्कार विधिपूर्वक नहीं होता, तो उनकी आत्माएं अशांत रह सकती हैं। इसी अशांति का असर वंशजों के जीवन पर पड़ता है।
मान्यता है कि पितृ दोष के कारण जीवन में बाधाएं, विवाह में विलंब, संतान प्राप्ति में समस्या, या आर्थिक तंगी जैसी परेशानियाँ आती हैं। यह दोष कुंडली में सूर्य, राहु या शनि के विशेष योग से भी बनता है।
पितृ दोष से मुक्ति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कर्म किए जाते हैं खासकर पितृ पक्ष में। इसके अलावा गंगा स्नान, ब्राह्मण भोजन और धार्मिक कार्य भी फायदेमंद माने जाते हैं।
तो अगर आपके जीवन में अनचाही बाधाएं हैं, एक बार पितृ दोष की जांच जरूर कराएं। क्योंकि पूर्वजों की शांति में ही हमारी समृद्धि है।
0 टिप्पणियाँ