नींद की कमी: सेहत के लिए खतरा
आज की तेज़-तर्रार जिंदगी में नींद को नज़रअंदाज़ करना आम हो गया है। काम का दबाव, तनाव और असंतुलित दिनचर्या के कारण लोग पर्याप्त नींद नहीं ले पाते, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।
नींद का महत्व
नींद शरीर और दिमाग को आराम देकर ऊर्जा पुनः प्राप्त करने में मदद करती है। यह हमारी मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है, जो हार्मोन संतुलन, रोग प्रतिरोधक क्षमता और सर्केडियन रिदम को बनाए रखती है।
नींद की कमी के दुष्प्रभाव
पर्याप्त नींद न लेने से केवल थकान नहीं, बल्कि कई गंभीर समस्याएं भी जन्म लेती हैं। यह शरीर में हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ा सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
नींद की कमी का सीधा असर दिमाग की कार्यक्षमता पर पड़ता है। इससे ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घटती है, याददाश्त कमजोर होती है और निर्णय लेने की शक्ति कम हो जाती है। लंबे समय तक यह स्थिति मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन, तनाव और एंग्जाइटी को बढ़ा सकती है। शोध बताते हैं कि क्रॉनिक नींद की कमी डिप्रेशन और अन्य मानसिक विकारों के खतरे को भी कई गुना बढ़ा देती है।
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