सीट का समीकरण: ओबीसी आरक्षण वाले बीपी मंडल की रही है मधेपुरा सीट, जानें इसका चुनावी इतिहास


 बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट देश की राजनीति में एक खास पहचान रखती है, खासकर सामाजिक न्याय और ओबीसी राजनीति के संदर्भ में। यह सीट पूर्व प्रधानमंत्री वी. पी. सिंह के कार्यकाल में मंडल आयोग के अध्यक्ष रहे बी. पी. मंडल की कर्मभूमि रही है। बी. पी. मंडल ने इसी मधेपुरा से लोकसभा सांसद रहते हुए सामाजिक न्याय की राजनीति को दिशा दी थी।

चुनावी इतिहास
मधेपुरा सीट ने कई बड़े नेताओं को संसद तक पहुंचाया है, जिनमें समाजवादी विचारधारा के दिग्गज नेता शरद यादव प्रमुख रहे हैं। शरद यादव ने यहां से कई बार जीत दर्ज की, लेकिन बाद में उन्हें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बीच खिंचतान में हार का भी सामना करना पड़ा। लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने भी यहां अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं एनडीए गठबंधन के तहत जदयू और भाजपा ने भी समय-समय पर इस सीट पर प्रभाव दिखाया है।

राजनीतिक महत्व
मधेपुरा की सीट ओबीसी वोट बैंक के चलते हमेशा चर्चित रही है। मंडल राजनीति की विरासत के कारण यहां सामाजिक समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि हर चुनाव में मधेपुरा सीट पर राजनीतिक दलों की नजरें टिकी रहती हैं

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