भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल 2025 में जन्माष्टमी 15 अगस्त को है. जन्माष्टमी का पर्व खास तौर पर निशिता काल में पूजा अर्चना के साथ मनाया जाता है, और यह पारण सूर्योदय के बाद ही किया जाता है.
मथुरा-वृंदावन श्री कृष्ण की जन्मभूमि
मथुरा, जहां भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ, इस दिन विशेष रूप से सजी रहती है. मथुरा-वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का आनंद भक्तों को हर जगह मिलता है. इसे राधा-कृष्ण के प्रेम का स्थल माना जाता है. यहां श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्तों का तांता लगता है, जो भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं.
द्वारका और जयपुर: कृष्ण के अन्य महत्वपूर्ण स्थल
गुजरात स्थित द्वारका भी भगवान श्री कृष्ण का एक महत्वपूर्ण स्थान है. द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन करना इस दिन का अहम हिस्सा होता है. वहीं, जयपुर में स्थित श्री राधा गोपीनाथ जी मंदिर में रोजाना भगवान श्री कृष्ण को घड़ी पहनाई जाती है, जो इस मंदिर को खास बनाता है.
श्री कृष्ण मठ, कर्नाटका
कर्नाटका स्थित श्री कृष्ण मठ, जिसे 13वीं सदी में स्थापित किया गया था, एक और पवित्र स्थल है. यहां एक तालाब भी है, जिसमें भगवान श्री कृष्ण का प्रतिबिंब दिखाई देता है.
इस खास दिन, आप इन पवित्र स्थलों पर जाकर श्री कृष्ण के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का आनंद लें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को रोशन करें.
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