उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से कल्प केदार मंदिर मलबे में दबा

उत्तरकाशी के धराली में स्थित प्राचीन और पावन कल्प केदार मंदिर की कहानी शायद ही आप जानते हों. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह अपनी ऐतिहासिक व धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है.

कल्प केदार मंदिर वह स्थान है जहां भगवान शिव के सिर और जटाएं प्रकट हुई थीं, इसलिए इसे कल्पेश्वर या कल्प केदार कहा जाता है. यह मंदिर केदारनाथ धाम की तरह ही वास्तुकला में बनाया गया है. हिमालय की ऊंचाई 2200 मीटर पर स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए पूरे साल खुला रहता है.
श्रावण माह में हजारों भक्त यहां शिव दर्शन के लिए आते हैं, क्योंकि मान्यता है कि इसी माह गंगा नदी भगवान शिव को स्पर्श कर उन्हें आशीर्वाद देती है. मंदिर का बड़ा हिस्सा जलमग्न रहता है, लेकिन फिर भी भक्तों की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है.

लेकिन 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने की आपदा के कारण कल्प केदार मंदिर मलबे में दब गया. अचानक आई बाढ़ ने इस पवित्र स्थल को बुरी तरह प्रभावित किया है.

स्थानीय लोग और प्रशासन इस नुकसान का आंकलन कर राहत कार्यों में जुटे हैं. यह घटना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बड़े आघात की तरह है. कल्प केदार मंदिर की पुनः स्थापना और संरक्षण के लिए सभी को संवेदनशील रहना होगा.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ