इंटरमिटेंट फास्टिंग और हार्ट अटैक का खतरा


 इंटरमिटेंट फास्टिंग आजकल वजन घटाने और फिटनेस का लोकप्रिय तरीका बन चुका है। लेकिन एक नए अध्ययन में पाया गया है कि लंबे समय तक इसका पालन करना हृदय रोग और अचानक मौत के खतरे को बढ़ा सकता है।

अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा

जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 20,000 से अधिक वयस्कों पर हुए अध्ययन में पाया गया कि जो लोग 8 घंटे की सीमित अवधि में ही भोजन करते थे, उनमें हृदय संबंधी मृत्यु का जोखिम 91% अधिक था। पहले से हृदय रोग या कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए यह जोखिम और ज्यादा पाया गया।

इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?

यह एक डाइट पैटर्न है जिसमें व्यक्ति 16 घंटे उपवास रखता है और 8 घंटे के भीतर भोजन करता है। 2020 की हार्वर्ड मेडिकल स्कूल रिपोर्ट के अनुसार, यह वजन घटाने, ब्लड शुगर नियंत्रण और सूजन कम करने में मददगार हो सकता है।

दुष्प्रभाव और जोखिम

विशेषज्ञों के मुताबिक, लंबे समय तक कैलोरी पर नियंत्रण रखने से ब्लड शुगर घट सकता है, हृदय की धड़कन बढ़ सकती है और अनियमितता हो सकती है। इसके अलावा महिलाओं में यह प्रजनन हार्मोन को प्रभावित कर बांझपन और हार्मोन असंतुलन का कारण भी बन सकता है।

निष्कर्ष

इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे हैं, लेकिन यह हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है। बिना डॉक्टरी सलाह के इसका पालन करना गंभीर स्वास्थ्य जोखिम ला सकता है।

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