आईडीएफ में एज्योर प्लेटफॉर्म का उपयोग
ब्रिटिश अख़बार द गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस्राइली सेना (IDF) फलस्तीनियों की निगरानी के लिए माइक्रोसॉफ्ट के Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक गाज़ा और वेस्ट बैंक में फोन कॉल्स की जासूसी, अनुवाद और डेटा प्रोसेसिंग इसी तकनीक से हो रही है।
कर्मचारियों का विरोध
इस खुलासे के बाद अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट कर्मचारियों ने मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि कंपनी की तकनीक गाज़ा युद्ध को बढ़ावा दे रही है। कर्मचारियों ने मांग की कि माइक्रोसॉफ्ट इस्राइल से सभी तकनीकी संबंध तुरंत तोड़े। हाल ही में तीन कर्मचारियों को प्रदर्शन के कारण नौकरी से भी निकाल दिया गया।
कंपनी का रुख
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि उसकी सेवा शर्तें इस तरह के उपयोग की अनुमति नहीं देतीं और यह गंभीर मामला है। कंपनी ने Covington & Burling लॉ फर्म को जांच के लिए नियुक्त किया है। हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि केवल जांच पर्याप्त नहीं है।
बढ़ते सवाल
पहले भी कंपनी ने कहा था कि जांच में कोई सबूत नहीं मिला, लेकिन रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। अब सवाल उठ रहा है कि क्या माइक्रोसॉफ्ट नैतिक जिम्मेदारी निभाएगा या मुनाफे के लिए विवादित साझेदारी जारी रखेगा।
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