स्मार्ट बैटरी इलेक्ट्रोलाइट का विकास

अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक अनोखा स्मार्ट इलेक्ट्रोलाइट विकसित किया है, जो चार्जिंग के दौरान खुद को अनुकूलित कर बैटरी को तेज, सुरक्षित और टिकाऊ बनाता है। यह तकनीक इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर मोबाइल डिवाइस तक के चार्जिंग अनुभव को बदल सकती है।

पारंपरिक समस्या का हल

बैटरी में इलेक्ट्रोलाइट एनोड और कैथोड के बीच आयनों का ट्रांसफर करता है, लेकिन पारंपरिक इलेक्ट्रोलाइट तेज चार्जिंग, हाई वोल्टेज या अधिक तापमान पर अस्थिर हो जाते हैं। इससे बैटरी की उम्र घटती है और डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।

खास तकनीकी विशेषताएं

शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रोलाइट में स्मार्ट मॉलिक्यूल्स, डायनामिक बाइंडिंग ग्रुप्स और रिवर्सिबल केमिकल लिंक जोड़े हैं। ये बैटरी की ऑपरेटिंग कंडीशंस के अनुसार अपनी संरचना बदल लेते हैं। चार्जिंग के समय ये आयनों के मार्ग को चौड़ा करते हैं, जिससे स्पीड बढ़ जाती है।

ओवरहीटिंग से सुरक्षा

यह तकनीक “सॉल्टिंग-आउट” इफेक्ट पर आधारित है, जो सॉल्ट कंसन्ट्रेशन को नियंत्रित कर बैटरी की स्थिरता बढ़ाती है। फास्ट चार्जिंग मोड में यह एक मजबूत सुरक्षा परत बनाकर ओवरहीटिंग से बचाती है।

सफल परीक्षण और भविष्य

जलीय जिंक-धातु और गैर-जलीय लिथियम-धातु बैटरियों पर परीक्षण में इस तकनीक ने उच्च दक्षता और स्थिरता दिखाई। इसके व्यावसायिक उपयोग से EV, स्मार्टफोन और लैपटॉप को तेज, सुरक्षित और लंबे समय तक टिकने वाली चार्जिंग मिल सकेगी।

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