गर्भावस्था में पेरासिटामोल: बच्चों में गंभीर बीमारियों का खतरा


 

पेरासिटामोल का सेवन और रिसर्च

हालिया अध्ययनों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान लगातार पेरासिटामोल का सेवन करने पर बच्चों में ऑटिज्म और ADHD जैसी न्यूरोडिवेलपमेंटल समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। खासकर अगर यह दवा लंबे समय तक या ज्यादा मात्रा में ली जाए।

जोखिम कब बढ़ता है

विशेषज्ञों का कहना है कि पहले और तीसरे ट्राइमेस्टर में पेरासिटामोल का अधिक इस्तेमाल बच्चे के मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर सकता है। इससे बच्चे के ध्यान केंद्रित करने और सामाजिक व्यवहार में दिक्कतें आ सकती हैं।

सुरक्षित विकल्प

गर्भवती महिलाओं को हल्की बुखार या दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेने से बचना चाहिए। प्राकृतिक उपाय जैसे आराम, ठंडे पानी की सिकाई या हल्की फिजिकल एक्टिविटी मददगार हो सकते हैं।

डॉक्टर की सलाह जरूरी

यदि दर्द या बुखार गंभीर हो, तो पेरासिटामोल लेने से पहले हमेशा अपने स्त्रीरोग विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लें। सही मात्रा और समय का ध्यान रखना जरूरी है।

निष्कर्ष

गर्भावस्था में पेरासिटामोल का अनियंत्रित सेवन बच्चों के न्यूरोडिवेलपमेंट पर नकारात्मक असर डाल सकता है। हमेशा डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसे इस्तेमाल करें।

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