ब्रेस्टफीडिंग के दौरान गांठ, डरें नहीं, ऐसे करें इलाज

मां बनने के बाद महिला के शरीर में बदलाव आना आम बात है, लेकिन कुछ बदलावों को नजरअंदाज करना ठीक नहीं होता. ऐसा ही एक बदलाव है स्तन में गांठ बनना.

बच्चे को ब्रेस्टफीड कराते समय अगर स्तन का कोई हिस्सा सख्त लगने लगे या गांठ जैसा उभार महसूस हो, तो माएं घबरा जाती हैं. सवाल उठता है क्या ये दूध के जमने से है या ब्रेस्ट कैंसर का संकेत?

डॉक्टर बताते हैं कि हर गांठ कैंसर नहीं होती.
इसके कई सामान्य कारण हो सकते हैं:

दूध का जमाव (Engorgement): जब दूध ज़्यादा बनता है और बाहर नहीं निकलता.
डक्ट ब्लॉकेज:  दूध की नलिकाएं बंद हो जाती हैं, जिससे दर्द और सूजन होती है.
मास्टाइटिस: संक्रमण की वजह से ब्रेस्ट लाल, गर्म और दर्दनाक हो सकती है.
फाइब्रोएडेनोमा/सिस्ट: हार्मोनल बदलाव से बनी सामान्य, बेनाइन गांठें।

 लेकिन ध्यान दें अगर गांठ

* तेजी से बढ़ रही है

* दर्द दे रही है

* ब्रेस्ट का रंग बदल रहा है

* या निप्पल से खून आ रहा है

तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं

घरेलू देखभाल

* गर्म सेक करें

* अलग-अलग पोजीशन में फीड कराएं

* हल्के हाथों से मसाज करें

* डॉक्टर की सलाह से दवा लें

* आराम करें और खूब पानी पिएं

हर गांठ खतरे की घंटी नहीं होती, लेकिन लापरवाही न करें. जागरूक रहें, सुरक्षित रहें.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ