छोटी तकलीफ में बार-बार पैरासिटामोल लेना खतरनाक
भारत में बुखार, सिरदर्द या हल्के दर्द की पहली दवा के रूप में पैरासिटामोल का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बार-बार इसका सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था और पैरासिटामोल का असर
जर्नल बायोमेड सेंट्रल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था में बिना डॉक्टरी सलाह के बार-बार पैरासिटामोल लेने से शिशुओं में न्यूरोडेवलपमेंटल विकार का खतरा बढ़ सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इसका अत्यधिक उपयोग बच्चों में भविष्य में ऑटिज्म और एडीएचडी (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) जैसी समस्याएं बढ़ा सकता है।
शोध के निष्कर्ष
अमेरिका स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने 46 अध्ययनों का विश्लेषण किया, जिनमें एक लाख से अधिक प्रतिभागी शामिल थे। पाया गया कि पैरासिटामोल प्लेसेंटल बैरियर पार कर भ्रूण के मस्तिष्क के विकास में बाधा डाल सकता है। यह हार्मोनल बदलाव और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को ट्रिगर करता है, जिससे न्यूरोविकास प्रभावित हो सकता है।
विशेषज्ञों की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि पैरासिटामोल सीधे विकार नहीं पैदा करता, लेकिन खतरा जरूर बढ़ा सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाएं केवल डॉक्टर की सलाह पर सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
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