मोटापा: खान-पान की गड़बड़ी या हार्मोनल असंतुलन?


 

बढ़ता मोटापा – एक गंभीर समस्या

भारत सहित पूरी दुनिया में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। 1990 से 2022 के बीच किशोरों में मोटापे के मामले चार गुना और वयस्कों में दोगुने से ज्यादा हो गए। पहले इसे केवल शहरी जीवनशैली से जोड़ा जाता था, लेकिन अब यह गांवों और छोटे कस्बों में भी फैल चुका है।

लाइफस्टाइल से जुड़े कारण

खान-पान में असंतुलन, जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों का सेवन, व्यायाम की कमी और लंबे समय तक बैठे रहने की आदत मोटापे के प्रमुख कारण हैं। यदि दिनभर ली गई कैलोरी शारीरिक गतिविधियों से बर्न न हो पाए तो वजन बढ़ना तय है।

हार्मोनल असंतुलन का असर

एंडोक्राइन विशेषज्ञों के अनुसार, इंसुलिन, लेप्टिन, घ्रेलिन और कॉर्टिसोल जैसे हार्मोन भी वजन नियंत्रित करते हैं। इनमें असंतुलन होने पर भूख बढ़ सकती है, संतुष्टि नहीं मिलती और शरीर में फैट तेजी से जमा होता है। खासकर तनाव की स्थिति में कॉर्टिसोल पेट और कमर के आसपास चर्बी बढ़ा देता है।

क्या करें?

यदि डाइट और एक्सरसाइज के बावजूद वजन कम नहीं हो रहा है, तो यह केवल आदतों की नहीं बल्कि हार्मोनल समस्या का परिणाम हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श लेकर टेस्ट कराना और सही उपचार लेना बेहद जरूरी है। जागरूकता, संतुलित आहार और समय पर मेडिकल मदद से ही मोटापे पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

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