आयरन शरीर के लिए एक आवश्यक खनिज है, जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं के जरिए फेफड़ों से ऑक्सीजन पूरे शरीर तक पहुंचाता है। महिलाओं को मासिक धर्म, गर्भावस्था और प्रसव के कारण पुरुषों की तुलना में अधिक आयरन की आवश्यकता होती है। इसकी कमी से एनीमिया एक आम समस्या बन जाती है।
कमी के लक्षण
आयरन की कमी होने पर थकान, कमजोरी, त्वचा का पीला पड़ना, सांस फूलना, चक्कर आना और सिरदर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं। इसके अलावा, हाथ-पैर ठंडे रहना, नाखून टूटना और बालों का झड़ना भी इसके संकेत हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
आहार में बदलाव
आयरन की कमी दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी), दालें, चना, राजमा, सूखे मेवे (किशमिश, खजूर) और बीज (कद्दू, तिल) को आहार में शामिल करें। विटामिन-सी युक्त फल (संतरा, नींबू, अमरूद) आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं। गुड़ और तिल के लड्डू भी लाभकारी हैं।
जरूरी सावधानियां
आयरन युक्त भोजन के तुरंत बाद चाय या कॉफी न पिएं, क्योंकि यह अवशोषण को कम कर सकता है। दवा या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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