सुहागिनों के लिए विशेष है वरलक्ष्मी व्रत, क्यों है खास?

आज हम बात करेंगे सावन माह में आने वाले खास व्रत—वरलक्ष्मी व्रत के बारे में. यह व्रत देवी लक्ष्मी को समर्पित है और खासतौर पर दक्षिण भारत में इसका बहुत महत्व है.

वरलक्ष्मी व्रत कब है
वरलक्ष्मी व्रत 8 अगस्त 2025, शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर देवी लक्ष्मी अपने आठ रूपों आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धैर्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी और धान्य लक्ष्मी के रूप में आशीर्वाद देती हैं.

वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि 
वरलक्ष्मी व्रत की पूजा विधि सरल है. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, लाल कपड़ा बिछाएं, कलश स्थापित करें, देवी लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो सजाएं और मंत्र जाप करें. मंत्र है – ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मीये नमः. पूजा के बाद कथा सुनना और आरती करना व्रत का अहम हिस्सा है.
इस व्रत को करने से न केवल धन और वैभव की प्राप्ति होती है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और सौभाग्य भी बना रहता है. इस वरलक्ष्मी व्रत को करें और माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से अपने जीवन को समृद्ध बनाएं.

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