ट्रंप का टैरिफ संकट: दवाओं पर शुल्क का असर भारत-अमेरिका दोनों पर


 दवाओं पर टैरिफ लगाने की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब दवाओं के आयात पर टैरिफ लगाने की बात कहकर वैश्विक फार्मा इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। उनका लक्ष्य दवा उत्पादन को अमेरिका में लाना और आयात पर निर्भरता घटाना है। शुरुआत में यह शुल्क मामूली होगा, लेकिन 1 से 1.5 साल में 150% से 250% तक पहुंच सकता है।

किन दवाओं पर असर पड़ेगा?
हालांकि ट्रंप ने साफ नहीं किया कि यह टैरिफ किन दवाओं पर लगेगा, लेकिन माना जा रहा है कि एंटीबायोटिक्स, डायबिटीज, हार्ट, कैंसर और पेनकिलर जैसी जेनेरिक और ब्रांडेड दवाएं प्रभावित होंगी। भारत इन दवाओं का बड़ा निर्यातक है।

भारत के लिए क्या खतरा?
भारत की फार्मा इंडस्ट्री को अमेरिका से सबसे ज्यादा व्यापार होता है। टैरिफ बढ़ने से:

  • निर्यात घटेगा और कंपनियों की कमाई प्रभावित होगी,

  • रोजगार पर असर पड़ेगा,

  • सप्लाई चेन बाधित होगी और उत्पादन महंगा हो सकता है।

अमेरिकी उपभोक्ताओं पर प्रभाव
भारतीय दवाएं सस्ती हैं, और अगर टैरिफ बढ़ा तो इलाज महंगा होगा। हेल्थकेयर सिस्टम पर दबाव बढ़ेगा, बीमा प्रीमियम बढ़ सकता है और बिना बीमा वाले मरीजों को भारी नुकसान हो सकता है।

निष्कर्ष
ट्रंप की नीति आत्मनिर्भरता की ओर है, लेकिन इससे भारत और अमेरिका दोनों के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं।

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