पाकिस्तान पर भारत का स्पष्ट रुख
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत ने पिछले 50 वर्षों से पाकिस्तान के मामले में किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। उन्होंने साफ किया कि भारत-पाक संघर्ष केवल द्विपक्षीय विषय है और इसमें किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं होगी।
ट्रंप की विदेश नीति पर टिप्पणी
जयशंकर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शैली की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका के किसी और राष्ट्रपति ने विदेश नीति को इतनी सार्वजनिक और असामान्य शैली में संचालित नहीं किया।
किसानों और छोटे उत्पादकों के हित सर्वोपरि
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर उन्होंने कहा कि सरकार की लाल रेखा किसानों और छोटे उत्पादकों के हित हैं। इस पर कोई समझौता नहीं होगा।
रूस के साथ वार्षिक शिखर वार्ता
जयशंकर ने बताया कि रूस के साथ भारत की वार्षिक शिखर वार्ता की परंपरा है और वर्ष के अंत में यह बैठक प्रस्तावित है। इसमें व्यापार और गैर-सैन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
रूस-यूक्रेन संघर्ष
भारत की प्राथमिकता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का जल्द अंत हो। जयशंकर ने दोहराया कि समाधान केवल संबंधित पक्षों के बीच बातचीत से ही संभव है।
आत्मनिर्भरता और विविधता
उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं ने भारत को सिखाया है कि किसी एक बाजार या आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसलिए आत्मनिर्भर भारत और विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है।
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