भारत में आवारा कुत्तों की समस्या


 भारत में आवारा कुत्तों की संख्या का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन 2019 की 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार 1.53 करोड़ आवारा कुत्ते दर्ज हुए थे। अनौपचारिक रूप से यह संख्या 6 करोड़ से अधिक बताई जाती है। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में इनकी संख्या सबसे अधिक है। आवारा कुत्ते सड़क हादसों और रेबीज जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं। 2022 में एक रिपोर्ट के अनुसार, छह महानगरों में पशुओं से होने वाले 58% हादसों में कुत्ते जिम्मेदार थे।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें छह से आठ हफ्तों में सड़कों से हटाने का आदेश दिया। कोर्ट ने नवजात और बच्चों को कुत्तों के खतरे से बचाने पर जोर दिया।

दुनिया में अपनाए गए उपाय

  • नीदरलैंड्स: दशकों की मेहनत से टीकाकरण, नसबंदी और पालतू कुत्तों को पंजीकृत कर समस्या खत्म की।

  • थाईलैंड: मोबाइल क्लीनिक और सामुदायिक अभियानों से काटने के मामलों में कमी आई।

  • भूटान: सभी आवारा कुत्तों का 100% टीकाकरण और नसबंदी किया।

  • तुर्किये: विवादित कानून के तहत आक्रामक कुत्तों को मारने और बाकी का टीकाकरण-नसबंदी करने का प्रावधान

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