चीन की तियानजिन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी लिथियम मेटल बैटरी बनाई है जिसकी एनर्जी डेंसिटी 600 Wh/kg है। यह Tesla की एडवांस बैटरी (300 Wh/kg) से दोगुनी और BYD की ब्लेड बैटरी (150 Wh/kg) से करीब चार गुना ज्यादा पावरफुल है। इसका मतलब है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की रेंज 2 से 4 गुना तक बढ़ सकती है और गाड़ियां हल्की भी होंगी।
पुरानी बैटरियों की दिक्कत
लिथियम मेटल बैटरियों की सबसे बड़ी समस्या इलेक्ट्रोलाइट की अस्थिरता रही है। ज्यादा एनर्जी डेंसिटी देने पर चार्ज-साइकिल कम हो जाता था और बैटरी में आग लगने या फटने का खतरा बढ़ जाता था।
मशीन लर्निंग और फ्लोरीन का जादू
चीनी शोधकर्ताओं ने इस समस्या को हल करने के लिए बैटरी स्ट्रक्चर बदला। उन्होंने मशीन लर्निंग से सही लिथियम सॉल्ट और सॉल्वेंट चुना और उसमें फ्लोरीन मिलाया। इससे इलेक्ट्रोलाइट काफी स्थिर हो गया और बैटरी गर्मी, ठंड और आग जैसी परिस्थितियों में भी सुरक्षित बनी रही।
टेस्टिंग में साबित हुई कारगर
ड्रोन पर किए गए टेस्ट में उड़ान का समय 2.8 गुना बढ़ गया। बैटरी ने 25 बार पूरा चार्ज-डिस्चार्ज साइकिल झेल लिया और खराब नहीं हुई।
EV का भविष्य
यह बैटरी अभी शुरुआती स्तर पर है, लेकिन बड़े पैमाने पर उत्पादन होने पर यह EV सेक्टर में वही क्रांति ला सकती है जो जेट इंजन ने एविएशन में लाई थी।
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