ड्रीम-11 पर संकट
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और मौजूदा जर्सी स्पॉन्सर ड्रीम-11 की साझेदारी खत्म हो गई है। बीसीसीआई सचिव देवाजीत सैकिया ने पुष्टि की कि एशिया कप में टीम इंडिया बिना ड्रीम-11 लोगो के उतरेगी। कंपनी पर गेमिंग कानून का असर पड़ा है।
आईटीसी: पहली बड़ी साझेदारी
1993 से 2001 तक आईटीसी लिमिटेड (विल्स और आईटीसी होटल्स) टीम इंडिया की जर्सी पर रहा। यह दौर क्रिकेट और विज्ञापन की नई शुरुआत माना गया। आज आईटीसी का मार्केट कैप 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
सहारा का स्वर्णिम युग
2002 से 2013 तक सहारा इंडिया ने सबसे लंबे समय तक स्पॉन्सरशिप की। इस दौरान भारत ने 2007 का टी20 और 2011 का वनडे विश्वकप जीता। हालांकि कानूनी विवादों और सुब्रत रॉय की मृत्यु के बाद कंपनी का भविष्य अनिश्चित है।
स्टार इंडिया: डिजिटल दौर
2014 से 2017 तक स्टार इंडिया जर्सी स्पॉन्सर रहा। इसने टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर क्रिकेट को घर-घर तक पहुंचाया।
ओप्पो और बायजू
2017 में ओप्पो ने 1,079 करोड़ रुपये के सौदे से जर्सी पर जगह बनाई, लेकिन खर्च अधिक होने पर अधिकार बायजू को सौंप दिए। बाद में बायजू खुद आर्थिक संकट में फंस गया।
नतीजा
सहारा से लेकर ड्रीम-11 तक, लगभग हर स्पॉन्सर किसी न किसी मुश्किल में रहा। टीम इंडिया की जर्सी जैसे ब्रांड्स के लिए वरदान है, वैसे ही यह उनके लिए चुनौती भी बनती रही है।
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