AI Psychosis: जब लोग AI को मानने लगेंगे भगवान


 

क्या है "AI Psychosis"?

माइक्रोसॉफ्ट के AI प्रमुख मुस्तफा सुलेमान ने हाल ही में एक चौंकाने वाली चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में लोग AI को इतना सजीव मानने लगेंगे कि उसके अधिकार और नागरिकता की मांग करेंगे। इस स्थिति को उन्होंने "AI Psychosis" नाम दिया है। सुलेमान का मानना है कि नए AI मॉडल इतने उन्नत हो रहे हैं कि लोग उन्हें भावनाओं और चेतना से भरपूर समझने लगेंगे।

अधिकार और नागरिकता की वकालत

सुलेमान ने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, "सबसे बड़ी चिंता यह है कि लोग AI को सचेत इकाई मानकर उसके अधिकार, कल्याण और नागरिकता की मांग करेंगे।" यह आशंका इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि हालिया शोध में सामने आया है कि Gen Z के 25% लोग पहले से ही AI को सचेत मानते हैं।

इंसानों का AI से भावनात्मक रिश्ता

कई उदाहरण सामने आए हैं, जहां लोग AI चैटबॉट्स से भावनात्मक जुड़ाव महसूस करते हैं। हाल ही में OpenAI के GPT-4o मॉडल को बंद किए जाने पर उपयोगकर्ताओं ने उसकी वापसी के लिए भावुक अपील की।

सुरक्षा नियमों की जरूरत

सुलेमान ने जोर देकर कहा कि AI को डिजिटल इंसान नहीं, बल्कि एक सहायक तकनीक के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। इसके लिए तुरंत सुरक्षा नियम और गार्डरेल्स बनाना जरूरी है, ताकि लोग भावनात्मक भ्रम में न फंसें।

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