80 साल बाद भी हिरोशिमा के घाव हरे, निनोशिमा में आज भी अपनों के अवशेष तलाश रहे लोग, जापान में जीवित है परमाणु त्रासदी की पीड़ा


 6 अगस्त 1945 को अमेरिका द्वारा हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम की विभीषिका को 80 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन इसके दर्द आज भी जापानियों के दिल में जिंदा हैं। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, हिरोशिमा के पास स्थित निनोशिमा द्वीप पर लोग आज भी अपने परिजनों के अवशेषों की तलाश में लगे हुए हैं। यह द्वीप उस समय घायल लोगों के इलाज और मृतकों के अस्थायी दफन स्थल के रूप में इस्तेमाल हुआ था।

हमले के बाद जापानी नौसेना की एक टुकड़ी ने निनोशिमा को राहत केंद्र में तब्दील कर दिया था। लेकिन हमले की भयावहता इतनी भीषण थी कि शवों की पहचान करना बेहद मुश्किल हो गया था। पीड़ितों के शरीर बुरी तरह झुलसे हुए थे, कपड़े जल चुके थे, और कई की हालत इतनी खराब थी कि पहचान करना संभव नहीं रहा।

2018 से हिरोशिमा विश्वविद्यालय के शोधकर्ता रेबुन काओ ने इन अवशेषों की तलाश शुरू की। अब तक वे करीब 100 हड्डियों के टुकड़े, जिनमें एक शिशु का जबड़ा भी शामिल है, खोज चुके हैं। यह खोज कार्य आज भी अपनों की याद में श्रद्धांजलि जैसा है।

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