जब भी हम 'शिव तांडव' की बात करते हैं हमारे ज़हन में आता है विनाश, क्रोध और प्रलय. लेकिन क्या वाकई शिव का तांडव सिर्फ संहार है, नहीं! शिव का तांडव है ऊर्जा, सृजन, संतुलन और चेतना का.
1. आनंद तांडव
जब शिव सृष्टि के सौंदर्य में मग्न होते हैं तब होता है आनंद तांडव. ये है नृत्य की पराकाष्ठा.
2. संहार तांडव
जब विनाश जरूरी हो तब होता है संहार तांडव.
यह अंत नहीं, नए आरंभ का द्वार है.
3. शिव तांडव (शुद्ध तांडव)
ये है ब्रह्मांड की लय न तेज़, न धीमा, बस संतुलन.
4. कल्याण तांडव
जब शिव देते हैं ज्ञान और कृपा तब होता है कल्याण तांडव.
5. संध्या तांडव
दिन और रात के मिलन में शिव करते हैं संध्या तांडव ऊर्जा को संतुलित करने के लिए.
6. त्रिपुर तांडव
त्रिपुरासुर के अंत का नृत्य धर्म की विजय का प्रतीक.
7. गोरतांडव
पार्वती के लिए किया गया प्रेममयी प्रदर्शन शक्ति, करुणा और सौंदर्य का मेल.
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