भारत पर 50% यूएस टैरिफ से ‘मेक इन इंडिया’ को खतरा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए कुल 50% टैरिफ (25% अतिरिक्त शुल्क और 25% पेनल्टी) से भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बड़ा झटका लग सकता है। मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम भारत की मैन्युफैक्चरिंग प्रतिस्पर्धा को कमजोर कर सकता है, खासकर उच्च मूल्य वाले इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में।

टैरिफ का असर और पृष्ठभूमि
31 जुलाई को अमेरिका ने 25% टैरिफ की घोषणा की, जो 7 अगस्त से लागू हो गया। इसके बाद 6 अगस्त को ट्रंप ने अतिरिक्त 25% पेनल्टी का ऐलान किया, जो 28 अगस्त से प्रभावी होगी। मूडीज का कहना है कि सस्ते रूसी तेल की खरीदारी के चलते लगाए गए ये शुल्क भारत के आत्मनिर्भर भारत मिशन और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के प्रयासों पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं।

‘मेक इन इंडिया’ की प्रगति और जोखिम
2020 से लागू ‘मेक इन इंडिया’ के तहत सरकार ने दवाओं, मोबाइल निर्माण, कपड़ा, सेमीकंडक्टर और सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहन दिया है। अमेरिका भारत का प्रमुख व्यापारिक साझेदार है—2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 131.8 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें 86.5 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ। टैरिफ लागू होने से इन निर्यात क्षेत्रों पर सीधा दबाव बढ़ेगा।

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