भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ: ट्रंप के फैसले से क्यों बिगड़ी बात?


 व्यापार वार्ता की शुरुआत:

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की बातचीत फरवरी में ट्रंप के कार्यकाल के शुरुआती महीनों में शुरू हुई थी। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने पांच दौर की बातचीत की, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

भारत के प्रस्ताव:
भारत ने अमेरिकी औद्योगिक उत्पादों पर टैरिफ हटाने, एल्कोहल और कारों पर शुल्क घटाने और अमेरिका से ऊर्जा व हथियारों की खरीद बढ़ाने जैसे कई प्रस्ताव दिए। इसके बावजूद अमेरिका संतुष्ट नहीं हुआ।

दबाव में ट्रंप:
जैसे-जैसे अमेरिका अन्य एशियाई देशों और यूरोपीय संघ से व्यापार समझौतों में सफल होता गया, ट्रंप भारत से भी अधिक रियायतें मांगने लगे। वहीं, भारत कृषि और डेयरी सेक्टर की सुरक्षा में अड़ा रहा।

समझौता क्यों टूटा?
भारत-पाक संघर्ष में ट्रंप की दखल और उस पर भारत की असहमति ने भी माहौल खराब किया। अंततः ट्रंप ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाने का फैसला कर लिया।

आगे की राह:
7 अगस्त से टैरिफ लागू होंगे, लेकिन अगस्त मध्य में नई वार्ता की उम्मीद है। भारत अमेरिका से ऊर्जा सौदे के जरिए संतुलन साधने की कोशिश कर सकता है।

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