मुकदमे का पृष्ठभूमि
गूगल पर आरोप है कि उसने यूट्यूब पर बच्चों की निजता का उल्लंघन किया। 34 बच्चों के माता-पिता ने सैन जोस (कैलिफोर्निया) की संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया। आरोप है कि गूगल ने माता-पिता की सहमति के बिना बच्चों की व्यक्तिगत जानकारी जुटाई और उसका उपयोग लक्षित विज्ञापन भेजने में किया।
अदालत की मंजूरी जरूरी
गूगल इस मामले को निपटाने के लिए 30 मिलियन डॉलर (करीब 250 करोड़ रुपये) का हर्जाना भरने पर सहमत हो गया है। हालांकि, इस समझौते को लागू करने के लिए मजिस्ट्रेट न्यायाधीश सुसान वैन क्यूलेन की स्वीकृति जरूरी होगी।
2019 में भी लगा था जुर्माना
इससे पहले 2019 में गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने बच्चों की निजता उल्लंघन के आरोप में 170 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरा था। तब भी गूगल पर आरोप लगा था कि उसने सामग्री प्रदाताओं को बच्चों की निजी जानकारी इकट्ठा करने में मदद की।
प्रभावित बच्चों का वर्ग
यह मामला 13 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों से जुड़ा है जिन्होंने 1 जुलाई 2013 से 1 अप्रैल 2020 के बीच यूट्यूब देखा। वकीलों का अनुमान है कि इसमें 3.5 से 4.5 करोड़ बच्चे शामिल हो सकते हैं। अगर इनमें से केवल 1-2% बच्चे दावा करते हैं, तो उन्हें प्रति बच्चा 30 से 60 डॉलर मिल सकते हैं।
वकीलों की फीस
वादी पक्ष के वकीलों ने कहा है कि वे इस समझौते से 9 मिलियन डॉलर तक कानूनी फीस लेंगे। वहीं, अल्फाबेट ने 2025 की पहली छमाही में 186.7 बिलियन डॉलर का राजस्व और 62.7 बिलियन डॉलर का मुनाफा दर्ज किया है।
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