कोविड-19 महामारी के दौरान टीकाकरण अभियान ने दुनिया को एक बड़ी त्रासदी से बचाया। एक हालिया वैश्विक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोविड वैक्सीन ने 25 लाख से ज्यादा लोगों की जान बचाई। यह अध्ययन महामारी के दौरान वैक्सीनेशन के असर और प्रभाव को मापने के लिए किया गया था।
वैक्सीनेशन बना जीवन रक्षक उपाय
शोधकर्ताओं के अनुसार, अगर दुनिया भर में कोविड वैक्सीनेशन इतने बड़े स्तर पर न हुआ होता, तो संक्रमण और मौतों का आंकड़ा कहीं अधिक होता। वैक्सीन ने न केवल संक्रमण की गंभीरता को कम किया, बल्कि अस्पतालों पर बोझ भी घटाया।
किन-किन देशों में दिखा सबसे अधिक असर?
अध्ययन के मुताबिक, वैक्सीनेशन से सर्वाधिक लाभ भारत, अमेरिका, ब्राजील और यूरोपीय देशों को हुआ। जहां-जहां वैक्सीनेशन कवरेज ज्यादा रहा, वहां मृत्यु दर में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी गई।
डेटा के अनुसार:
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महामारी की पहली दो लहरों में ही अगर टीकाकरण नहीं हुआ होता, तो मौतों की संख्या दोगुनी हो सकती थी।
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विशेष रूप से बुजुर्ग और बीमार लोगों के लिए वैक्सीन ने जीवन रक्षक का काम किया।
निष्कर्ष:
यह अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि कोविड वैक्सीन ने न केवल संक्रमण से लड़ने में मदद की, बल्कि लाखों जिंदगियां बचाकर मानवता के लिए एक बड़ी उम्मीद साबित हुई। वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य की महामारियों के लिए भी वैक्सीनेशन एक कारगर हथियार रहेगा।
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