शनि वक्री 2025: 138 दिनों का कॉस्मिक रीसेट


 वक्री अवधि और प्रभाव

13 जुलाई से 28 नवंबर 2025 तक शनि वक्री रहेंगे। यह 138 दिन राजनीति, अर्थव्यवस्था और व्यक्तिगत जीवन में बड़े बदलाव लाएंगे। साढ़ेसाती और ढैय्या वाली राशियों पर इसका खास असर होगा—सत्ता परिवर्तन, आर्थिक उतार-चढ़ाव और प्राकृतिक आपदाओं की संभावना रहेगी।

क्यों है खास 2025 का शनि वक्री?
शनि की चाल अंदरूनी रूप से बड़े परिणाम तैयार कर रही है। इस दौरान राजनीतिक उथल-पुथल, शेयर मार्केट और क्रिप्टो में उतार-चढ़ाव, बाढ़-भूकंप जैसी आपदाएं और निजी जीवन में छिपे सच का खुलासा हो सकता है।

सबसे प्रभावित राशियां

  • मेष: प्रमोशन-डिमोशन दोनों का रिस्क, निवेश में सावधानी। उपाय: शनिवार को पीपल वृक्ष में दीपक जलाएं।

  • वृश्चिक: पुराने विरोधी सक्रिय, अचानक खर्च। उपाय: काले तिल व गुड़ का दान।

  • कुंभ: साढ़ेसाती का अंतिम चरण, नौकरी बदलनी पड़ सकती है। उपाय: “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र जप।

ग्लोबल हॉटस्पॉट्स

  • मिडिल ईस्ट: डिप्लोमैटिक ब्रेकडाउन, हथियारों की होड़।

  • एशिया: चीन-भारत तनाव, पाकिस्तान की शरारत।

  • यूरोप: आर्थिक व राजनीतिक अस्थिरता।

शनि को प्रसन्न करने के उपाय
शनिवार को तिल-तेल दीपक जलाएं, काले कपड़े व तिल का दान करें, गुस्से पर काबू रखें और पुराने कर्म सुधारें। यह समय एक कॉस्मिक रीसेट है—अंत तक बदलाव जारी रहेंगे।

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