यूपीआई का नया नियम: 1 अक्टूबर से बंद होगी कलेक्ट रिक्वेस्ट सर्विस


 

क्या है बदलाव?

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर 2025 से यूपीआई का पीयर-टू-पीयर (P2P) कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर बंद कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को और सुरक्षित बनाना तथा बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड पर रोक लगाना है।

कलेक्ट रिक्वेस्ट फीचर क्या था?

यह सुविधा किसी भी यूजर को दूसरे यूपीआई यूजर से पैसे की रिक्वेस्ट भेजने की अनुमति देती थी। सामने वाला यूजर रिक्वेस्ट स्वीकार कर यूपीआई पिन डालता और राशि ट्रांसफर हो जाती। लेकिन स्कैमर्स ने इस फीचर का दुरुपयोग कर नकली रिक्वेस्ट भेजकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया।

मर्चेंट्स को राहत

NPCI ने स्पष्ट किया है कि यह रोक केवल P2P ट्रांजैक्शन पर होगी। व्यापारी (मर्चेंट्स) आगे भी इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकेंगे, हालांकि उनके लिए KYC नियम सख्त किए जाएंगे।

असर और आंकड़े

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव का आम यूजर्स पर बड़ा असर नहीं होगा, क्योंकि यूपीआई लेनदेन में कलेक्ट रिक्वेस्ट का हिस्सा केवल 3% है। पिछले तीन सालों में यूपीआई फ्रॉड मामलों में तेजी आई है—

  • 2022-23: 7.25 लाख मामले (₹573 करोड़ नुकसान)

  • 2023-24: 13.42 लाख मामले (₹1087 करोड़ नुकसान)

  • 2024-25: 6.32 लाख मामले (₹485 करोड़ नुकसान)

डिजिटल पेमेंट की वृद्धि

2017-18 में जहां केवल 92 करोड़ यूपीआई ट्रांजैक्शन हुए थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 18,587 करोड़ हो गई, जो भारत में डिजिटल पेमेंट की लोकप्रियता को दर्शाता है।

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