नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पाइसजेट के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए केएएल एयरवेज और उसके मालिक कलानिधि मारन द्वारा दायर 1,300 करोड़ रुपये के हर्जाने की अपील को खारिज कर दिया। यह मामला लंबे समय से चल रहे प्रमोटर विवाद से जुड़ा है, जो 2015 से स्पाइसजेट और केएएल एयरवेज के बीच चला आ रहा है।
कलानिधि मारन और उनकी कंपनी केएएल एयरवेज ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने मई 2024 में उनके हर्जाना दावे को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि यह दावा "जानबूझकर तथ्यों को छिपाने" पर आधारित है और इसमें कोई दम नहीं है। इससे पहले, एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भी केएएल एयरवेज की ₹1,323 करोड़ के दावे को खारिज कर दिया था।
इस फैसले से स्पाइसजेट को बड़ी राहत मिली है, जबकि कलानिधि मारन और केएएल एयरवेज को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दावे में कोई कानूनी आधार नहीं था, इसलिए इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
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