श्रावण मास, वो पावन समय जब भोलेनाथ की पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है. लेकिन कुछ फल ऐसे हैं जिन्हें शिवलिंग पर चढ़ाना शास्त्रों में वर्जित माना गया है.
अनार
पूरे फल के रूप में शिवलिंग पर न चढ़ाएं. पर हां, श्रद्धा से उसका रस चढ़ाना स्वीकार्य है.
जामुन
जामुन को शुद्ध नहीं माना गया है, इसलिए यह ना शिवलिंग पर चढ़ाया जाता है, ना प्रसाद में अर्पित होता है.
केला
केले की उत्पत्ति एक शाप से मानी गई है, इसलिए यह फल भोलेनाथ को अर्पित करना वर्जित है.
नारियल
मां लक्ष्मी का प्रतीक है, और इसे शिव पर चढ़ाना शास्त्रों में अनुचित कहा गया है.
इसलिए भोलेनाथ दिखावे में नहीं, भक्ति में बसते हैं. जल, बेलपत्र, भस्म और सच्चा मन ही काफी है.
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