सावन का महीना पूजा-पाठ, व्रत और शिव आराधना के साथ-साथ बच्चों को धार्मिक संस्कार देने का उत्तम अवसर भी है। इस दौरान बच्चों को शिव पूजा में शामिल करके उनमें आध्यात्मिक गुण, प्रकृति प्रेम और भारतीय संस्कृति के प्रति आस्था विकसित की जा सकती है।
पूजा की तैयारी में शामिल करें बच्चे
सावन में शिव पूजन की तैयारी में बच्चों को बेलपत्र लाने, कलश में जल भरने, फूल सजाने और पूजा सामग्री व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी दें। आप उनसे बेलपत्र पर त्रिशूल या "ॐ" जैसे शुभ चिह्न बनवाएं, जिससे वे पूजा की गहराई और प्रकृति से जुड़ाव को समझ सकें।
मंदिर या घर की पूजा में कराएं भागीदारी
मंदिर जाएं तो बच्चों को साथ जरूर ले जाएं या घर पर हो रही पूजा में उन्हें शिवलिंग पर जल चढ़ाने और आरती में शामिल करें। इससे परिवार में सामूहिकता बढ़ती है और बच्चे धार्मिक विधियों को सीखते हैं।
भजन, मंत्र और कहानियों से बढ़ाएं रुचि
बच्चों को सरल मंत्र जैसे “ॐ नमः शिवाय” सिखाएं। आरती में घंटी बजाने और तालियां बजाने के लिए प्रेरित करें। साथ ही शिवजी और पौराणिक कथाएं bedtime पर सुनाएं। इससे धार्मिक ज्ञान के साथ उनकी शब्दावली और रुचि दोनों बढ़ेगी।
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