ओस्लो में हुआ बड़ा ऐलान
संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेट गवर्नेंस फोरम (IGF) 2025 में नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में साइबरपीस फाउंडेशन ने “साइबरपीस इंडेक्स” की घोषणा की। यह ग्लोबल फ्रेमवर्क अब साइबर ताकत की बजाय डिजिटल विश्वास, नागरिकों की सुरक्षा और समावेशन को प्राथमिकता देगा।
क्यों जरूरी है भारत के लिएभारत 85 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स वाला दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। लेकिन यहां साइबर हमलों, डीपफेक, गलत जानकारी और ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं। मौजूदा वैश्विक इंडेक्स मुख्य रूप से साइबर ताकत पर केंद्रित हैं, जबकि भारत को एक नागरिक-केंद्रित मॉडल की आवश्यकता है।
इंडेक्स की विशेषताएं
इसमें 10 स्तंभ शामिल हैं, जैसे साइबर सुरक्षा तैयारी, डिजिटल समावेशन, साइबर साक्षरता, एआई संचालन, नागरिकों का डिजिटल भरोसा और मानसिक-सामाजिक सुरक्षा। यह तकनीकी से आगे बढ़कर डिजिटल नैतिकता और विश्वास को मापेगा।
भारत की भागीदारी और विचार
IGF में भारत ने AI गवर्नेंस, DPI, साइबर स्किलिंग और ग्लोबल डिजिटल साउथ की आवाज को नीतियों में शामिल करने की बात कही। भारत इस इंडेक्स के जरिए एक सुरक्षित, नैतिक और समावेशी साइबर वातावरण की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
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