Guru Purnima 2025: तिथि, महत्त्व और पूजन विधि, जानें क्यों है यह दिन आत्मज्ञान का पर्व


 गुरु पूर्णिमा 2025 इस वर्ष 10 जुलाई (गुरुवार) को पूरे भारत में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। यह दिन महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई रात 1:36 बजे से शुरू होकर 11 जुलाई रात 2:06 बजे तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि के अनुसार पर्व 10 जुलाई को ही मनाया जाएगा।

गुरु का महत्व
गुरु केवल शिक्षक नहीं, बल्कि मोक्ष और आत्मज्ञान की राह दिखाने वाले पथप्रदर्शक होते हैं। भगवान राम ने वशिष्ठ और विश्वामित्र, कृष्ण ने सांदीपनि, हनुमान ने सूर्य देव और दत्तात्रेय ने 24 जीवों को गुरु माना।

पूजन विधि और परंपरा
स्नान कर सूर्य को जल चढ़ाएं, वेदव्यास जी का स्मरण करें। गुरु को आसन पर बैठाकर फूल, चंदन, फल, मिठाई और चरण वंदना करें। गुरु दक्षिणा दें और उनके उपदेशों को जीवन में अपनाने का संकल्प लें।

विशेष पुण्य कार्य
अन्न, वस्त्र, ग्रंथ, चप्पल, छाता और गौ सेवा करें। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें। श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री का भोग अर्पित करें।

गुरु बिना जीवन अधूरा है। यह दिन आत्मचिंतन और श्रद्धा का पर्व है।

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