ITCM तकनीक पर आधारित मिसाइल
यह मिसाइल DRDO की मौजूदा ITCM मिसाइल तकनीक पर आधारित है, लेकिन इसे जमीन के बजाय हवा से दागा जाएगा। यह Su-30MKI, राफेल, तेजस, मिग-29 और AMCA जैसे फाइटर जेट्स से लॉन्च की जा सकेगी। इसे किसी एक्सटर्नल बूस्टर की जरूरत नहीं होगी, जिससे लागत कम होगी और संचालन अधिक लचीला बनेगा।
सटीकता और स्टील्थ की ताकत
इसमें स्वदेशी 'माणिक' टर्बोफैन इंजन, इनर्शियल नेविगेशन और सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम होगा। इसका डिजाइन रडार से बचने और बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम होगा।
ब्रह्मोस-NG से तुलना
यह ब्रह्मोस-NG से हल्की और किफायती होगी, जिससे इसे बड़ी संख्या में तैनात किया जा सकेगा।
कब होगी तैनाती?
इसकी पहली टेस्ट उड़ान 2025 के अंत तक और ऑपरेशनल तैनाती 2027 तक संभव मानी जा रही है।
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