सावन के पवित्र महीने में जहां भारत में ‘बम-बम भोले’ और ‘ऊं नम: शिवाय’ की गूंज सुनाई देती है, वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी शिवभक्ति का वातावरण बनता है। पाकिस्तान में कई ऐतिहासिक शिव मंदिर हैं, जहां सावन और महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में भक्त दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं।
सियालकोट शिव मंदिर: भारत के नजदीक स्थित सियालकोट में भगवान शिव का एक पुराना मंदिर है। इसे सरदार तेजा सिंह ने बनवाया था। विभाजन के बाद यह बंद हो गया था, लेकिन 2015 में पुनः खोला गया।
कटासराज मंदिर: पंजाब प्रांत में स्थित यह मंदिर पौराणिक मान्यता के अनुसार शिव के आंसुओं से बना है। यहां का कुंड ‘अमृत कुंड’ कहलाता है।
रत्नेश्वर महादेव मंदिर, कराची: यहां शिव के साथ अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियां हैं। सावन में स्थानीय भक्त जलाभिषेक करने आते हैं।
उमरकोट मंदिर, सिंध: लगभग 1000 साल पुराना यह मंदिर खजुराहो काल के समकालीन बताया जाता है।
मनसहेरा शिव मंदिर: चित्ती गट्टी इलाके का यह मंदिर 2000 साल पुराने शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है।
पाकिस्तान में ये मंदिर आज भी शिवभक्ति के प्रतीक हैं और श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बने हुए हैं।
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