यूएस-चीन ट्रेड वॉर के बीच भारत को लाभ, मुकेश अंबानी की एथेन डील ने बदला जहाज का रास्ता


 अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में उथल-पुथल मचा दी है, लेकिन इसका बड़ा फायदा भारत को मिल सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से एथेन गैस लेकर चीन जाने वाला एक जहाज—STL Quzhiyang—ने अपना रूट बदल दिया और अब वह भारत के गुजरात स्थित दाहेज टर्मिनल पर पहुँच रहा है। इस गैस को मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ रिसीव करेगी।

रिलायंस की गैस रणनीति और एथेन का महत्व
रिलायंस की 2017 में स्थापित यूनिट इस एथेन गैस से एथिलीन केमिकल तैयार करती है, जिसका उपयोग प्लास्टिक और अन्य उत्पादों में होता है। पहले यह रासायनिक उत्पादन नाफ्था से होता था, लेकिन इसमें केवल 30% गैस का कुशल उपयोग हो पाता था, जबकि एथेन से यह 80% तक पहुंच जाता है। यह लागत और उत्पादन दोनों के लिहाज से अधिक प्रभावी विकल्प है।

भारत को मिल सकता है बड़ा लाभ
चीन की तुलना में भारत में फिलहाल एथेन की खपत कम है, लेकिन आने वाले वर्षों में इसकी मांग तेज़ी से बढ़ सकती है। मुकेश अंबानी पहले से ही ऑयल-टू-केमिकल बिजनेस में सालाना $74 अरब डॉलर का राजस्व कमा रहे हैं, और यह नया कदम देश की फ्यूल इकोनॉमी में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

फॉक्सकोन और एप्पल का दबाव
इसी बीच, फॉक्सकोन द्वारा दक्षिण भारत में आईफोन उत्पादन जारी है, लेकिन चीन के इंजीनियरों की वापसी से उसकी गति धीमी हो सकती है। अमेरिका-चीन तनाव का फायदा भारत की इंडस्ट्रियल पोजिशनिंग को मिल रहा है।

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