स्वर लहरी के साथ पत्रकार रोमी को किया याद


कानपुर की वरिष्ठ पत्रकार रोमी अरोडा के जन्म माह में उनको गीत संगीत के साथ याद करते हुए रोमी अड्डा पत्रकारपुरम में एक संगीतमय शाम का आयोजन किया गया।

इस सुरमयी शाम का स्वागत राजेश अरोड़ा ने उनकी यादो को साझा करते हुए, एक ख़ूबसूरत कविता "बहुत अच्छा लगता था भटकना निरुद्देश्य" के साथ किया। कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ रेनू निगम ने कबीर के दोहों व सावन के गीतों से श्रोताओं को मुग्ध किया। प्रो संजय स्वर्णकार ने संगीत का सफरआगे बढ़ाते हुए ग़ज़ल गायकी से वाहवाही लूटी। 


उनके साथ तबले पर शुभम वर्मा, ऑक्टा पैड पर श्री अनिल कुमार,और वॉयलिन पर डॉ देवानन्द पाठक ने साथ दिया । डॉ शुभम वर्मा और डॉ देवानन्द पाठक की तबले और वॉयलिन पर जुगल बंदी ने मोहित किया। इस मोहक प्रस्तुति के बाद हल्के फुल्के फ़िल्मी सावन गीतों के साथ  दीपक बलानी ने शतदल जी के गीत ,"जोग न कोई खेल "और "भीग जाते है कभी पेड़ पानी में" को अपने संगीत से सजाया। साथ ही  मौलि सेठ, डॉ संजीव सिकरोरिया, दीपक बलानी ने रोमी अरोड़ा से जुडी अपनी यादो को साझा किया।

 


कार्यक्रम में अनीता मिश्रा, दिनेश आर्या, डॉ संजीव मिश्र, भावना मिश्रा,  संजय टंडन, राजेन्द्र मिश्रा बब्बू भैया, अर्चना मेहरोत्रा, रूपीना मिश्रा, प्रो डॉ  मृदुला शुक्ला,आदि उपस्थित रहे।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ