पूरे देश में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने का समय चल रहा है, लेकिन भारत का एक ऐसा राज्य है जहां के मूल निवासियों को टैक्स नहीं भरना पड़ता—और वह राज्य है सिक्किम।
भारत के आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10(26AAA) के तहत सिक्किम के मूल निवासियों को आयकर से पूरी तरह छूट दी गई है। इसकी जड़ें 1950 में भारत और सिक्किम के बीच हुए शांति समझौते में हैं, जब सिक्किम भारत का संरक्षित राज्य बना। इस समझौते में शर्त थी कि सिक्किम के लोगों पर टैक्स लागू नहीं किया जाएगा।
1975 में जब सिक्किम भारत का पूर्ण हिस्सा बना, तब इस शर्त को आयकर कानून में शामिल किया गया। छूट का लाभ केवल उन्हीं को मिलता है जिनका नाम ‘सिक्किम सब्जेक्ट्स रजिस्टर’ में दर्ज है या जो 26 अप्रैल 1975 से पहले सिक्किम में रह रहे थे।
इस प्रावधान का उद्देश्य सिक्किम के मूल निवासियों को आर्थिक संरक्षण देना है। केंद्र सरकार ने अब तक इस कानून में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे आज भी लाखों-करोड़ों की आय वाले सिक्किमवासी टैक्स से पूरी तरह मुक्त हैं।
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