भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है, लेकिन ‘नॉन वेज मिल्क’ एक बड़ा रोड़ा बन गया है। अमेरिका चाहता है कि भारत अपने कृषि और डेयरी सेक्टर को विदेशी उत्पादों के लिए खोले, खासकर अमेरिकी डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए।
क्या है ‘नॉन वेज मिल्क’?
अमेरिका में गायों को ऐसा चारा खिलाया जाता है जिसमें जानवरों के मांस, खून, मछली, सूअर, कुत्ते और बिल्लियों तक के अवशेष मिलाए जाते हैं। इससे उनके दूध को भारत में शाकाहारी नहीं माना जाता। भारत ने सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का हवाला देते हुए अमेरिका के डेयरी उत्पादों के आयात पर आपत्ति जताई है।
किसानों को होगा भारी नुकसान
भारत की 1.4 अरब जनसंख्या और 8 करोड़ से ज्यादा लोगों की आजीविका डेयरी सेक्टर से जुड़ी है। स्टेट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी उत्पाद आने से देशी डेयरी प्रोडक्ट्स के दाम 15% तक गिर सकते हैं, जिससे किसानों को सालाना 1.03 लाख करोड़ का नुकसान हो सकता है।
भारत का रुख सख्त
भारत ने कहा है कि जनता की सुरक्षा और संस्कृति से समझौता नहीं किया जा सकता। वहीं अमेरिका इसे अनावश्यक व्यापार बाधा मान रहा है।
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