बेटियों की उड़ान: मुश्किलों के बावजूद बैडमिंटन में रच रहीं सफलता की नई इबारत


 लखनऊ की बैडमिंटन चैंपियनशिप में 15 वर्षीय श्रुति चौहान और 13 वर्षीय अग्रिमा सिंह अपने खेल से सबको प्रभावित कर रही हैं। दोनों ने अपनी काबिलियत से कई कठिनाइयों को मात दी और सपनों को पंख दिए।

अग्रिमा सिंह: ऑपरेशन के बाद भी नहीं मानी हार
आईओटी प्रोफेशनल विक्रम सिंह की बेटी अग्रिमा को बचपन से बैडमिंटन में रुचि थी। 2021 में छोटी आंत में समस्या के चलते उनका बड़ा ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद डॉक्टरों ने दो साल का बेड रेस्ट बताया। लेकिन परिवार के समर्थन और खुद की मेहनत से उन्होंने वापसी की। अग्रिमा ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताएं जीतीं, हाल ही में स्टेट चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक भी हासिल किए।

श्रुति चौहान: चोटों के बावजूद हिम्मत नहीं हारी
नोएडा की श्रुति को 2023 में घुटने में गंभीर चोट आई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सात साल से बैडमिंटन की ट्रेनिंग ले रहीं श्रुति ने जून 2025 में बेंगलुरु में ऑल इंडिया रैंकिंग टूर्नामेंट में भाग लिया और गोवा में टॉप 16 में जगह बनाई। दोनों बेटियां अब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटी हैं।

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