मानसून जहां एक ओर सुकून और हरियाली लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह हमारी
मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक असर भी डाल सकता है। खासतौर पर
वर्किंग प्रोफेशनल्स के बीच थकान, ध्यान की कमी और भूलने जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इस स्थिति को एक्सपर्ट्स
ब्रेन फॉग कहते हैं।
ब्रेन फॉग क्या है?
ब्रेन फॉग कोई बीमारी नहीं बल्कि एक मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने, चीजें याद रखने और सोचने में कठिनाई होती है। इसका सीधा असर काम करने की क्षमता पर पड़ता है।
मानसून में ब्रेन फॉग क्यों बढ़ता है?
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सूरज की रोशनी की कमी से विटामिन D घटता है, जो मूड और याददाश्त को प्रभावित करता है।
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नमी और डिहाईड्रेशन से मानसिक थकान और भ्रम की स्थिति बनती है।
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संक्रमण और सूजन इम्यून प्रतिक्रिया को बढ़ाकर दिमाग को सुस्त कर सकते हैं।
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नींद की खराब गुणवत्ता फोकस और ऊर्जा को प्रभावित करती है।
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मनोवैज्ञानिक प्रभाव, जैसे लो मूड और सीजनल डिसऑर्डर, एकाग्रता में कमी लाते हैं।
ब्रेन फॉग से बचाव के उपाय
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विटामिन D की जांच करवाएं और जरूरत हो तो सप्लीमेंट लें।
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पर्याप्त पानी पिएं, जैसे नारियल पानी या हर्बल चाय।
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नींद को प्राथमिकता दें, सोने का समय तय करें।
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नियमित ब्रेक लें और हल्का-फुल्का एक्सरसाइज करें।
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लंबे समय तक लक्षण बने रहें तो डॉक्टर से सलाह लें।
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