ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना ने जम्मू संभाग में आतंकवाद के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाई है। अब घात लगाकर जंगलों से निकलते ही आतंकियों को ढेर किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में करीब 45-50 आतंकी सक्रिय हैं, जिनमें से 90-95% पाकिस्तानी हैं। सेना ने नियंत्रण रेखा और कश्मीर को जोड़ने वाले सभी रूट चिन्हित कर लिए हैं, जिन पर कार्रवाई जारी है।
जंगलों में नहीं मिलेगा छिपने का मौका
सेना आतंकियों को अब जंगलों में छिपकर घात लगाने का मौका नहीं देगी। कठुआ, राजोरी, पुंछ, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। उनके खिलाफ लगातार घेराबंदी कर अभियान चलाया जा रहा है।
मुठभेड़ के बाद भी ऑपरेशन जारी रहेगा
नई रणनीति के तहत मुठभेड़ में आतंकी बच भी जाएं, तब भी ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक उनका सफाया न हो जाए। बसंतगढ़, छात्रू और केरी जैसे इलाकों में अभियान जारी हैं और बचे हुए आतंकियों को घेरे रखा गया है।
रेल लिंक और अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा सख्त
सेना ने कटड़ा-बारामुला रेल ट्रैक और अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। 6 जून से शुरू हुई इस रेल सेवा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
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