अब तक साइबर सुरक्षा में इंसानों को सबसे कमजोर कड़ी माना जाता था, लेकिन SquareX की नई रिपोर्ट ने इस धारणा को बदल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, AI ब्राउज़र एजेंट्स अब मानव कर्मचारियों से भी ज्यादा जोखिम भरे साबित हो रहे हैं।
AI एजेंट्स में खतरा क्यों?
AI आधारित ये एजेंट्स इंटरनेट पर ऑटोमेटेड टास्क जैसे फॉर्म भरना, वेबसाइट विजिट करना और लॉगिन करना करते हैं, लेकिन संदिग्ध लिंक या फिशिंग अटैक को पहचानने में अक्षम होते हैं। एक डेमो में दिखाया गया कि एक AI एजेंट ने मालिशियस ऐप को एक्सेस दे दिया, वहीं दूसरे केस में उसने एक फिशिंग वेबसाइट को Salesforce समझकर उसमें लॉगिन डिटेल्स भर दीं।
पूरे सिस्टम तक हो रही पहुंच
AI एजेंट्स को सामान्य यूज़र जितना ही एक्सेस मिलता है, जिससे हैकर्स को बिना अलार्म ट्रिगर हुए पूरे सिस्टम तक पहुंच मिल सकती है। मौजूदा सुरक्षा उपाय जैसे ZTNA और एंडपॉइंट प्रोटेक्शन भी इन्हें रोक पाने में नाकाम हैं।
क्या करें कंपनियां?
SquareX ने सलाह दी है कि कंपनियों को ब्राउज़र डिटेक्शन एंड रिस्पॉन्स (BDR) जैसे सिक्योरिटी टूल्स अपनाने चाहिए और AI ऑटोमेशन पर विशेष निगरानी तंत्र बनाना चाहिए, जब तक ब्राउज़र कंपनियां खुद बिल्ट-इन सुरक्षा उपाय न लाएं।
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