बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी राहत
2006 मुंबई लोकल ट्रेन विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट ने 2015 में मिली दोषसिद्धि को रद्द करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष इन लोगों के खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा।
"अपराध किया, यह मानना मुश्किल": कोर्ट
न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की पीठ ने कहा, "यह मानना मुश्किल है कि आरोपियों ने अपराध किया। सबूत नाकाफी हैं।" अदालत ने पांच को मिली फांसी और सात को दी गई उम्रकैद की सजा को भी रद्द कर दिया। अगर ये आरोपी किसी अन्य केस में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाएगा।
2015 में हुई थी सजा, अब मिला इंसाफ
2015 में एक विशेष अदालत ने इन 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था। सोमवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया।
11 जुलाई 2006 को हुआ था हमला
इस आतंकी हमले में मुंबई की लोकल ट्रेनों में सात धमाके हुए थे, जिनमें 180 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
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